स्वस्थ जीवन की दिनचर्या | Best Daily Routine For Healthy Life In Hindi

Best Daily Routine For Healthy Life In Hindi

एक बेहतर दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ताकि हमारा स्वास्थ्य और जीवन भी बेहतर बने। बेहतर दिनचर्या एक सफल व्यक्ति की मुख्य निशानी होती है। अगर नियमित दिनचर्या सही होगी तो हमारा शरीर सही रहेगा और अगर शरीर स्वस्थ होगा तो उसका असर हमारे जीवन, व्यवहार, सोच और प्रगति पर पड़ेगा जिससे हमारी सफलता का रास्ता साफ़ होगा।

लेकिन इसके विपरीत अगर हमारी नियमित दिनचर्या ऐसी होगी जिसमे हम रात को देर तक जागेंगे और सुबह देर तक उठेंगे तो इसके सामानांतर सभी काम में देरी होगी। शरीर में आलस होगा दिमाग फ्रेश नहीं रहेगा और हमारा किसी काम में पूरी तरह मन नहीं लगेगा और ऐसी दिनचर्या से सफलता के सभी दरवाजे बंद होते दिखाई देंगे।

दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?

सुबह जल्दी उठें – बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति को सुबह ब्रह्मामुहूर्त में यानी प्रात: 4 से 5.30 के बीच उठ जाना चाहिए इससे कई जरुरी काम पूरे करने के लिए समय भी मिलेगा और शरीर को सुबह के स्वच्छ वातावरण का लाभ भी मिलेगा।

इसके अलावा रात में सोने से पहले तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर उस पानी को पियें। इससे शरीर में ताजगी बनी रहेगी और शरीर ऊर्जावान रहेगा, सुबह अगर बेहतर होगी तो पूरा दिन अच्छा गुजरेगा।

व्यायाम और योग करें –

 व्यायाम हमारी नियमित दिनचर्या  का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए नियमित रूप से सुबह उठकर व्यायाम और योग अवश्य करें। इससे ना सिर्फ शरीर तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर रहेगा बल्कि दिमाग और मन भी शांत रहेगा। नियमित व्यायाम और योग करने से कई बड़ी बिमारियों से मुक्ति मिलती है।

स्नान

स्नान करने से शरीर की बाहरी गंदगी को दूर होती ही है साथ ही इससे शरीर में ताजगी आती है और रक्त संचार सुचारु रहता है और खून साफ़ होता है साथ ही भूख भी बढ़ती है।

स्नान के लिए हमेशा ताजे पानी का इस्तेमाल करें सर्दियों के मौसम में पानी थोड़ा गर्म कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें ज्यादा गर्म पानी इस्तेमाल ना करें वरना इससे त्वचा से सम्बंधित कई रोग हो सकते हैं।

भगवान में ध्यान

सुबह नहाने के बाद कुछ समय पूजा पाठ के लिए जरूर निकालें इससे मन शांत रहेगा और सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। पूजा करते समय अपना मन एकाग्रचित रखें और भक्ति में पूरा ध्यान लगाएं।

सुबह का नाश्ता

सुबह का नाश्ता जरूर करें और उसमे पौष्टिक तत्वों को शामिल करें, सुबह के नाश्ते में ताजे फल या जूस जरूर लें। इसके अलावा सुबह के नाश्ते में दूध, दलिया, फल, अंकुरित अनाज शामिल करें और ज्यादा फैट, कैलोरी और मसालेदार आहार का सेवन ना करें नहीं तो मोटापे की समस्या हो सकती है।

दोपहर का भोजन

दोपहर का भोजन करीब 1 बजे करें और ज्यादा ना खाएं वरना दिन भर आलस बना रहेगा। दोपहर के भोजन के बाद चाहें तो 20-30 मिनट के लिए थोड़ा आराम कर सकते हैं लेकिन ज्यादा समय तक नहीं।

रात का भोजन

रात का भोजन भरपेट ना करें क्योंकि रात को खाने के बाद हम सो जाते है। ऐसे में शारीरिक श्रम ना होने से पेट आसानी से खाना नहीं पचा पाता और मोटापे जैसी समस्या हो जाती है। रात को खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर ना जाएँ बल्कि पहले थोड़ा टहलें ताकि खाना आसानी से पच सके इससे नींद भी अच्छी आएगी।

रात को समय पर सोएं

बेहतर स्वास्थ्य के लिए भरपूर नींद बेहद आवश्यक है इसके लिए रात को जल्दी सोएं। बच्चों को रात में 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए, वयस्कों को रात में करीब 7 घंटे सोना चाहिए (मैडिटेशन करके नींद को कम समय में पूरा किया जा सकता है ) |  जबकि वृद्ध व्यक्तियों के लिए करीब 5-6 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।

भरपूर पानी पिएं –

स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त पानी बेहद जरूरी होता है, शरीर में पानी की कमी से कई तरह के रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है इसलिए पूरे दिन में भरपूर पानी पियें। दिन में कम से कम 8 गिलास ताजा पानी जरूर पियें।

सकारात्मक सोच रखें

सफल जीवन के लिए एक बेहतर दिनचर्या के साथ साथ सकारात्मक सोच भी बेहद जरुरी है। हमेशा अपनी सोच को सकारात्मक बनायें क्योंकि नकारात्मकता से हम सही फैसले नहीं ले पाते और सफलता से दूर होते जाते हैं।

नशीले पदार्थों का सेवन ना करें

एक बेहतर दिनचर्या और स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार लें और किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन ना करें। इनसे शरीर पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं साथ ही इनका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है जिससे हम सही निर्णय लेने में असक्षम हो जाते है।

नशीले पदार्थ कभी हमे तरक्की की राह पर नहीं ले जा सकते इनके सेवन से हम अपनी जिंदगी खराब करते हैं और सफलता से कोसों दूर हो जाते हैं।

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ध्यान के लाभ |Meditation Ke Fayde In Hindi

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Meditation Ke Fayde In Hindi

 आध्यात्मिक स्वास्थ्य जड़ है और शारीरिक स्वास्थ्य फल है।

 ध्यान हमारे प्रयासों के माध्यम से हमारे जीवन को देने वाले सबसे महान पुरस्कारों में से एक है !  हम खुद को बहुत कुछ दे सकते हैं!

 सभी शारीरिक दर्द इन मानसिक बीमारियों के कारण होते हैं।  सभी मानसिक ब्लैकआउट बौद्धिक अपरिपक्वता के कारण होते हैं।  बौद्धिक अपरिपक्वता आध्यात्मिक ऊर्जा की कमी और आध्यात्मिक विवेक की कमी से आती है।  ध्यान करने से हमें बहुत सारी आध्यात्मिक ऊर्जा और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है, जब बुद्धि पूरी तरह से विकसित हो जाती है, जल्द ही सभी मानसिक चिंताएं दूर हो जाती हैं।  नतीजतन, सभी शारीरिक बीमारियां दूर हो जाती हैं।  ध्यान सभी बीमारियों को ठीक करने का एकमात्र तरीका है।  रोग पिछले बुरे कर्मों के कारण होते हैं।  जब तक बुराइयों का समाधान नहीं होगा तब तक बीमारियाँ ग ायब नहीं होंगी। 

 याददाश्त बढ़ती है

 ध्यान के माध्यम से प्राप्त आध्यात्मिक ऊर्जा की भरपूर मात्रा मस्तिष्क को आशावादी रूप से कार्य करने और उसकी अधिकतम क्षमता में मदद करती है।  मेडिटेशन सभी छात्रों के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि मेडिटेशन से मेडिटेशन काफी बढ़ता है।  स्कूल और विश्वविद्यालय दोनों स्तरों पर।

 बुरी आदतें चली जाती हैं

 बहुत अधिक खाना, बहुत अधिक सोना, बहुत अधिक बातें करना, बहुत अधिक सोचना, बहुत अधिक पीना, तम्बाकू खाना आदि।  कई बुरी आदतें हैं।  ध्यान के माध्यम से प्राप्त विवेक और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ, सभी बुरी आदतों को स्वचालित रूप से हल किया जाता है।

  मन खुश होना

 किसी भी व्यक्ति के लिए, जीवन हार, अपमान और दर्द से भरा होता है।  हालांकि, आध्यात्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने वालों का जीवन सभी हार, अपमान और दर्द के बावजूद हमेशा शांत और खुश रहता है।

 दक्षता बढ़ाता है

 बहुत सारी आध्यात्मिक ऊर्जा और आध्यात्मिक विवेक के अस्तित्व के साथ, सभी कार्यों, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, अधिक कुशलता से किया जाता है।  अधिक कार्य थोड़े समय में पूरे हो जाते हैं।  न्यूनतम उपकरणों का उपयोग करके सराहनीय कार्य किए जाते हैं।

  नींद के घंटे कम करता है

 ध्यान में बहुत सारी आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।  बहुत कम ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नींद केवल एक अंश है।  आधे घंटे का गहन ध्यान लगभग छह घंटे की नींद है, शरीर को मिलने वाली छूट और इससे मिलने वाली ऊर्जा को देखते हुए।

 गुणवत्ता संबंध

 आध्यात्मिक विवेक, ज्ञान की कमी ही एकमात्र कारण है, जिससे संबंध इतने संतोषजनक और गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं।  आध्यात्मिक विवेक प्राप्त करने से पारस्परिक संबंध बहुत गुणवत्ता और पूर्ण होते हैं।

 सोच बढ़ाता है

 सोचने के लिए अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।  अस्वस्थ मन में पैदा होने वाले विचार सबसे कम शक्ति के होते हैं।  इसलिए वे अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते हैं।  हालांकि, मन की शांति की स्थिति में, विचार बड़ी शक्ति प्राप्त करते हैं और सभी इच्छाएं नाटकीय रूप से खेल में आती हैं।

  जीवन का उद्देश्य

 हम सभी एक विशेष उद्देश्य के लिए, एक विशेष डिजाइन और एक विशिष्ट योजना के साथ पैदा हुए हैं।  केवल वे लोग जो आध्यात्मिक रूप से परिपक्व हैं, वे अपने जीवन के विशिष्ट उद्देश्य, विशेष कार्य, संरचना और योजना को समझ और जान सकते हैं।

 ध्यान क्यों?

 ध्यान की शक्ति क्या है?

 सामूहिक ध्यान अभ्यास का क्या महत्व है?

 जब भी 2 लोग एक साथ अभ्यास कर रहे होते हैं, तो उनकी तरंगें लगभग 5 किमी होगी। और सकारात्मकता पैदा करते हैं।

 आइंस्टीन बताते हैं कि शास्त्रीय दृष्टिकोण से, यदि एक अणु विघटित होता है, तो यह अपने आसपास के क्षेत्र में कई परमाणुओं को विघटित करता है।  इसे ही हम परमाणु विस्फोट कहते हैं।

अगर आप लगातार 90 दिनों तक ध्यान करते हैं, तो आप अपने परिवार के अन्य लोगों पर सकारात्मक प्रभाव देखेंगे।

 महर्षि महेश योगी ने इसे 1959 में वैज्ञानिकों के लिए साबित किया है।  उन्होंने वाशिंगटन डीसी में तीन शिक्षकों को बुलाया और उन्हें एक महीने का ध्यान करने के लिए कहा।  नतीजतन, उस शहर में अपराध दर 5 प्रतिशत कम हो गई थी।  वैज्ञानिकों ने इसका कारण नहीं जाना, और इसे “महर्षि प्रभाव” कहा।  यह ध्यान की ताकत है।

 हम अपनी शारीरिक और आध्यात्मिक प्रगति को ध्यान के कारण कम श्रम गहन बना सकते हैं।  उसे ध्यान के माध्यम से खुद को खोजने की जरूरत है।

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Tambe Ke Bartan Mein Pani Peene Ke Fayde

1. स्वस्थ त्वचा

 पानी को हर रात तांबे के बर्तन में रखा जाना चाहिए औ र सुबह फ्रेश होने के बाद, यह त्वचा से संबंधित सभी समस्याओं को खत्म करता है, साथ ही त्वचा, चेहरे को उज्ज्वल करता है।

 2. जोड़ों को आराम दें

 रोजाना सुबह शाम तांबे के बर्तन में पानी पीने से जोड़ों का दर्द कम होता है, जो जोड़ों के दर्द में काफी राहत देता है।

 3. वजन घटाने में सहायक

 रोजाना सुबह शाम तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है और अतिरिक्त वसा की कमी के कारण वजन नहीं बढ़ता है।

 4. जीवाणु नष्ट हो जाते हैं

 कॉपर में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, इसमें पानी डालने से बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, और दस्त, डायरिया, पीलिया के खतरे से बचा जाता है

 5. कैंसर के खतरे को कम करता है

 कॉपर कंटेनर में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।

  6. घाव ठीक करने में  मदद

 तांबे में एंटी-बैक्टीरियल गुण घावों को भरने में मदद करते हैं, किसी भी चोट के लिए हर दिन तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं।

 7. थायराइड के खतरे को कम करता है

 कॉपर में कॉपर थायरोक्सिन हार्मोन को संतुलित करता है, जिससे थायराइड का खतरा दूर होता है।

 8. दिल मजबूत होता है

 तांबे के बर्तन में रखा पानी 3 से 4 घंटे पीने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है और दिल मजबूत होता है।

 9. अम्लता नष्ट हो जाती है

 पीने का पानी जो कम से कम 3-5 घंटों के लिए तांबे के बर्तन में रखा जाता है, शरीर से अम्लता और गैस को दूर करता है और पाचन प्रक्रिया में मदद करता है।

  10. खून बढ़ाने में मदद करता है

 तांबे के बर्तन में नियमित रूप से पानी पीने से तांबे में तांबे की कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया के खतरे से बचा जाता है।

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गुड खाने के फायदे | Gud Khane Ke Fayde In Hindi

Gud Khane Ke Fayde In Hindi

1.गुड में खून को पतला करने के गुण मौजूद होते हैं. इसलिए जिन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके लिए गुड रामबाण औषधि साबित हो सकता है. यह रक्त का बहाव नसों में तेज़ करके हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है.

2. आपको भोजन के बाद गुड़ खाना चाहिए क्योंकि यह पाचन एंजाइमों को एक्टिव करता है. ने दैनिक आहार में गुड़ को शामिल करने से पाचन में सुधार और अम्लता, सूजन और गैस की समस्या कम हो जाती है.

3. अपने भोजन के बाद गुड़ का एक छोटा टुकड़ा खाने से आपके भोजन के बाद की चीनी की मात्रा भी पूरी हो जाती है.

4. गुड़ कब्ज के इलाज और रोकथाम के लिए भी अच्छा होता है. फाइबर में समृद्ध है और एक हल्के रेचक(माइल्ड लैसेटिव) के रूप में काम करने के लिए जाना जाता है.

गुड के फायदे

5. लीवर को डिटॉक्सीफाई करने में गुड़ की बहुत बड़ी भूमिका होती है.यह जिन्क और सेलेनियम में समृद्ध है, और आयुर्वेद में लीवर के लिए एक डिटॉक्सीफाइंग एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है.

6. हमें हेल्थी रहने के लिए शरीर में आयरन की उचित मात्रा मिलना आवश्यक है. खास कर गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी पूरा करने के लिए गुड खाने की सलाह दी जाती है. इससे एनीमिया, हेमोग्लोबिन आदि शिकायतों से निजात हासिल किया जा सकता है. इसलिए आज से ही गुड को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें.

7. लड़कियों और महिलाओं को माहवारी के दर्द से छुटकारा दिलवाने के लिए गुड को सबसे उत्तम एवं रामबाण औषधि माना गया है. हालाँकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए सर्दियों में एक चम्मच गुड खाना भी आपको ढेरों फायदे दे सकता है.

8. गुड़ एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर है, खासकर सर्दियों के मौसम के दौरान यह हमारी इमुनिटी को दुगुना कर देता है. इसमें आयरन, सेलेनियम, जिंक, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस माइक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं जो इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

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अनार| Anar Ke Fayde In Hindi

अनार| Anar Ke Fayde In Hindi

Anar Ke Fayde In Hindi

मसूड़ों की समस्या में मिलेगा लाभ

सेहत के लिए अनार बेहद लाभदायक होता हैं। अनार खाना और अनार का जूस दोनों स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।इसमें फाइबर, विटामिन के, सी और बी, आइरन, पोटेशियम, जिंक जैसै तत्व पाए जाते है। इसलिए इसके नियमित सेवन से खून की कमी नहीं होती है।

अगर आपको बुखार में बार-बार प्यास लगती हैं, या फिर गला सूखता है तो आप अनार का रस पीजिए, लाभ होगा ।

अगर आप मसूड़ों की समस्या से ग्रसित हैं तो अनार के छिलके को सूखा कर जला कर पाउडर बना लीजिए और मंजन की तरह मसूड़ों पर मलें , दांत चमकेंगे तथा मसूड़ों में मजबूती आएगी।

अगर आप खांसी से परेशान हैं तो आप अनार के फल का छिलका चबा कर चूस लीजिए। इससे आपको खांसी से शीघ्र फायदा मिलेगा।

अगर आप को बदहजमी की समस्या हैं तो इसके दाने के 4 चम्मच रस में थोड़ा-सा भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाकर इसका सेवन कीजिए।

अगर आप कब्ज की समस्या से ग्रसित हैं तो आप इसके दाने को चबा कर खा लीजिए

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Juice Peene Ke Fayde

1. भूख लगाने के हेतुः-

प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें।

2. रक्तशुद्धि हेतु :-

नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें।

3. दमाः-

लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है।

4 उच्च रक्तचापः-

गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस। मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है।

5. निम्न रक्तचाप

मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग ना करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।

6. पीलिया

अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के तथा किसमिस का पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।

7. मुहाँसों के दाग

गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी, घृतकुमारी और पालक का रस।

8. संधिवात

लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी तथा सेव और गेहूँ के ज्वारे।

9. एसीडिटी

गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अँगूर मौसम्मी तथा दूध भी लाभदायक है।

10. कैंसर

गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस।

11. सुन्दर बनने के लिए

सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें।

12. फोड़े-फुन्सियाँ

गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस।

13. कोलाइटिस

गाजर, पालक और अन्नानास का रस। 70 प्रतिशत गाजर के रस के साथ अन्य रस समप्राण। चुकन्दर, नारियल, ककड़ी, गोभी के रस का मिश्रण भी उपयोगी है।

14. अल्सर

अंगूर, गाजर, गोभी का रस, केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है, खूब गर्म दूध में 2 चम्मच देशी गाय का घी डालकर मिलाकर करके पियें।

15. सर्दी-कफ

मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूँग अथवा भाजी का सूप।

16. ब्रोन्काइटिस

पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, अनन्नास का रस, मूँग का सूप। स्टार्चवाली खुराक वर्जित।

17. दाँत निकलते बच्चे के लिए

अन्नानास का रस थोड़ा नींबू डालकर रोज चार औंस (100-125 ग्राम)।

18. रक्तवृद्धि के लिए

मौसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकन्दर, सेव, रसभरी का रस रात को। रात को भिगोया हुआ खजूर का पानी सुबह में। इलायची के साथ केले भी उपयोगी हैं।

19. स्त्रियों को मासिक धर्म कष्ट

अंगूर, अन्नानास तथा रसभरी का रस।

20. आँखों के तेज के लिए

गाजर का रस तथा हरे धनिया का रस श्रेष्ठ है।

21. अनिद्रा

अंगूर और सेव का रस। पीपरामूल शहद के साथ।

22. वजन बढ़ाने के लिए

पालक, गाजर, चुकन्दर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही, सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस।

23. डायबिटीज

गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस।

24. पथरी

पत्तों वाली सब्जी,  पालक, टमाटर ना लें। ककड़ी का रस श्रेष्ठ है। सेव अथवा गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है। जौ एवं सहजने का सूप भी लाभदायक है।

25. सिरदर्द

ककड़ी, चुकन्दर, गाजर, गोभी और नारियल के रस का मिश्रण।

26. किडनी का दर्द

गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस।

27. फ्लू

अदरक, तुलसी, गाजर का रस।

28 वजन घटाने के लिए

अन्नानास, गोभी, तरबूज,लौकी और नींबू का रस।

29. पायरिया

गेहूँ के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सोया की भाजी का रस। कच्चा अधिक खायें।

30. बवासीर

मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर, नागर मोथा, नारियल पानी।

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स्वस्थ रहने के 20 नियम

स्वस्थ रहने के 20 नियम | Swasth Rahne Ke Niyam

Swasth Rahne Ke Niyam

आज कल की अव्यवस्थिति जीवन शैली ही अनेक रोगों का मूल कारण है, अगर थोड़ा सा बदलाव कर लिया जाए तो अनेक रोगों से मुक्ति बिना दवा के पायी जा सकती है। आइये जानते है ये सुनहरे नियम।

1. आजकल बढ़ रहे चर्म रोगों और पेट के रोगों का सबसे बड़ा कारण दूध युक्त चाय और इसके साथ लिया जाने वाला नमकीन है।

2. कसी हुई टाई बाँधने से आँखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव होता है।

3. अधिक झुक कर पढने से फेफड़े,रीढ़,और आँख की रौशनी पर बुरा असर होता है।

4. अत्यधिक फ्रीज किये हुए ठन्डे पदार्थों के सेवन से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।

5. भोजन के पश्चात स्नान करने से पाचन शक्ति मंद हो जाती है इसी प्रकार भोजन के तुरंत बाद मैथुन, बहुत ज्यादा परिश्रम करना एवं सो जाना पाचनशक्ति को नष्ट करता है।

6. पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है. भोजन सदैव जमीन पर बैठ कर करें. ऐसा करने से आवश्यकता से अधिक खा नहीं पाएंगे. भोजन करने के बाद पानी पीना कई गंभीर रोगों को आमंत्रण देना है।

7. भोजन के प्रारम्भ में मधुर-रस (मीठा), मध्य में अम्ल, लवण रस (खट्टा, नमकीन) तथा अन्त में कटु, तिक्त, कषाय (तीखा, चटपटा, कसेला) रस के पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

8. भोजन के बाद हाथ धोकर गीले हाथ आँखों पर लगायें. यह आँखों को गर्मी से बचाएगा।

9. नहाने के कुछ पहले एक गिलास सादा पानी पियें. यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बहुत हद तक दूर रखेगा।

10. नहाने की शुरुवात सर से करें. बाल न धोने हो तो मुह पहले धोये. पैरों पर पहले पानी डालने से गर्मी का प्रवाह ऊपर की ओर होता है और आँख मस्तिष्क आदि संवेदन शील अंगो को क्षति होती है।

11. नहाने के पहले सोने से पहले एवं भोजन कर चुकने के पश्चात मूत्र त्याग अवश्य करें  . यह अनावश्यक गर्मी, कब्ज और पथरी से बचा सकता है।

12. कभी भी एक बार में पूर्ण रूप से मूत्रत्याग न करें बल्कि रूक रुक कर करें. यह नियम स्त्री पुरुष दोनों के लिए है ऐसा करके प्रजनन अंगों से सम्बंधित शिथिलता से आसानी से बचा जा सकता है।

13. खड़े होकर मूत्र त्याग से रीढ़ की हड्डी के रोग होने की सम्भावना रहती है. इसी प्रकार खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों के रोग ऑर्थरिटिस आदि हो जाते हैं।

14. फल, दूध से बनी मिठाई, तैलीय पदार्थ खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. ठंडा पानी तो कदापि नहीं।

15. अधिक रात्रि तक जागने से प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है।

16. जब भी कुल्ला करें आँखों को अवश्य धोएं. अन्यथा मुह में पानी भरने पर बाहर निकलने वाली गर्मी आँखों को नुकसान पहुचायेगी।

17. सिगरेट तम्बाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने से प्रत्येक बार मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं नष्ट हो जाती है इनका पुनर्निर्माण कभी नहीं होता।

18. मल मूत्र शुक्र खांसी छींक अपानवायु जम्हाई वमन क्षुधा तृषा आंसू आदि कुल 13 अधारणीय वेग बताये गए है इनको कभी भी न रोकें. इनको रोंकना गंभीर रोगों के कारण बन सकते हैं .प्रतिदिन उषापान करने कई बीमारियाँ नहीं हो पाती और डॉक्टर को दिया जाने वाला बहुत सा धन बच जाता है.उषापान दिनचर्या का अभिन्न अंग बनायें।

20. रात्रि शयन से पूर्व परमात्मा को धन्यवाद अवश्य दें. चाहे आपका दिन कैसा भी बीता हो. दिन भर जो भी कार्य किये हों उनकी समीक्षा करते हुए अगले दिन की कार्य योजना बनायें अब गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करने का प्रयास करे. अपने सब तनाव, चिन्ता, विचार आदि परमपिता परमात्मा को सौंपकर निश्चिंत भाव से निद्रा की शरण में जाएँ।

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मेथी का पानी | Methi Ke Pani Ke Fayde In Hindi

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1 महीने पीएं मेथी का पानी, शरीर के हर पार्ट में आएगा ये चमत्कारिक बदलाव

घर पर आसानी से मिल जाने वाली मेथी में इतने सारे गुण है कि आप सोच भी नहीं सकते है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक ऐसी दवा है जिसमें हर बीमारी को खत्म करने का दम है। आइए आज हम आपको मेथी के पानी के कुछ चमत्कारिक तरीके बताते हैं।

करें ये काम

एक पानी से भरा गिलास ले कर उसमें दो चम्‍मच मेथी दाना डाल कर रातभर के लिये भिगो दें। सुबह इस पानी को छानें और खाली पेट पी जाएं। रातभर मेथी भिगोने से पानी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्‍सीडेंट गुण बढ जाते हैं। इससे शरीर की तमाम बीमारियां चुटकियों में खत्म हो जाती है। आइए आपको बताते है कि कौन सी है वो खतरनाक 7 बीमारियां जो भग जाएंगी इस पानी को पीने से।

वजन होगा कम

यदि आप भिगोई हुई मेथी के साथ उसका पानी भी पियें तो आपको जबरदस्‍ती की भूख नहीं लगेगी। रोज एक महीने तक मेथी का पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है।

गठिया रोग से बचाए

इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के नातेए मेथी का पानी गठिया से होने वाले दर्द में भी राहत दिलाती है।

कोलेस्‍ट्रॉल लेवल घटाए

बहुत सारी स्‍टडीज़ में प्रूव हुआ है कि मेथी खाने से या उसका पानी पीने से शरीर से खराब कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल कम होकर अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।

ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल

मेथी में एक galactomannan नामक कम्‍पाउंड और पोटैशियम होता है। ये दो सामग्रियां आपके ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बड़ी ही सहायक होती हैं।

कैंसर से बचाए

मेथी में ढेर सारा फाइबर होता है जो कि शरीर से विषैले तत्‍वों को निकाल फेंकती है और पेट के कैंसर से बचाती है।

किडनी स्‍टोन

अगर आप भिगोई हुई मेथी का पानी 1 महीने तक हर सुबह खाली पेट पियेंगे आपकी किडनी से स्‍टोन जल्‍द ही निकल जाएंगे।

मधुमेह

मेथी में galactomannan होता है जो कि एक बहुत जरुरी फाइबर कम्‍पाउंड है। इससे रक्‍त में शक्‍कर बड़ी ही धीमी गति से घुलती है। इस कारण से मधुमेह नहीं होता।

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हिचकी |Hichki Ki Desi Dawa

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सभी प्रकार की हिचकियों में अदरक की साफ किया हुआ छोटा टुकड़ा चूसना चाहिए।

अदरक के बारीक टुकड़े को चूसने से हिचकी जल्द बंद हो जाती है। घी या पानी में सेंधानमक पीसकर मिलाकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।

एक चम्मच अदरक का रस लेकर गाय के 250 मिलीलीटर ताजे दूध में मिलाकर पीने से हिचकी में फायदा होता है।

एक कप दूध को उबालकर उसमें आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण डाल दें और ठंडा करके पिलाएं।

ताजे अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके चूसने से पुरानी एवं नई तथा लगातार उठने वाली हिचकियां बंद हो जाती हैं। समस्त प्रकार की असाध्य हिचकियां दूर करने का यह एक प्राकृतिक उपाय है।

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अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं

Rog Pratirodhak Chamta Badhane Ke Upay | how to boost immunity

1. नीम की पत्ती

औषधीय गुण:  रक्तशोधक जीवाणुनाशक

सेवन की विधि: 5-10 पत्तों को चबाकर प्रातः काल सेवन करें।

2. हरड़ चूर्ण

औषधीय गुण:त्रिदोष शामक, पाचन शक्तिवर्धक

सेवन की विधि: भुनी हरड़, जीरा एवं काला नमक पीसकर चूर्ण बना लें, आधा चम्मच चूर्ण दो बार गुनगुने जल से सेवन करें।

3. आँवला

औषधीय गुण:रोग-प्रतिरोधक क्षमतावर्धक

सेवन की विधि: उपलब्ध होने पर कच्चे आँवले की चटनी बनाकर सेवन करें अन्यथा आँवले का चूर्ण एक चम्मच दिन में दो बार सेवन करें।

4. हर्बल चाय

औषधीय गुण: व्याधिक्षमत्व वर्द्धक, श्वसन तंत्र के रोगों में लाभकारी

सेवन की विधि: 10-12 ताजे तुलसी पत्र, 2 छोटे टुकड़े दालचीनी,5-7 काली मिर्च, छोटा टुकड़ा या आधा चम्मच (छोटी चम्मच) सोंठ एवं 4-5 मुनक्का को एक लीटर पानी में आधा रहने तक उबालें, इस हर्बल चाय का प्रयोग दिन में दो बार करें।

5. तुलसी पत्र काढा

औषधीय गुण:

सर्दी, खाँसी इत्यादि में लाभकारी

सेवन की विधि: लगभग 10-15 तुलसी पत्र,छोटा टुकड़ा अदरख, 4-5 काली मिर्च व 4-5 मुनक्का चार कप पानी में उबालें, एक कप शेष रहने पर छानकर दिन में दो बार पियें।

6 अजवाइन काढा

औषधीय गुण:पाचक, सर्दी-जुकाम में लाभदायक

सेवन की विधि: दो चम्मच अजवाइन को चार कप पानी में उबाले, एक कप शेष रहने पर गुनगुना ही दिन में दो बार प्रयोग करें।

7. गिलोय काढा

औषधीय गुण: रोग-प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि कर, रसायन

सेवन की विधि: 1-1 इंच के चार टुकड़े चार कप पानी में रात को भिगो दें, प्रातः काल उबाल लें, एक चैथाई शेष रहने पर सुबह-शाम सेवन करें।

8. सहिजन

औषधीय गुण:बलवर्धक एवं वातनाशक

सेवन की विधि: ताजी फलियों को उबालकर सब्जी बनाकर प्रयोग करें।

9. बेल

औषधीय गुण:पाचक

सेवन की विधि: पके हुये बेल के गुदे को निकालकर पानी में घोलकर शरबत के रूप में पीयें।

10. पुदीना शिंकजी

औषधीय गुण: भूखवर्धक एवं शरीर के पानी की कमी को दूर करने वाला

सेवन की विधि: एक गिलास पानी में आधा नीबू निचोड़कर एवं उसमें थोड़ा गुड एवं काला नमक व 5-10 पुदीने की पत्तिया मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।

11. चावल माँड

औषधीय गुण : बलवर्धक

सेवन की विधि : चावल को पानी में भिगोकर आठ गुना पानी में उबालें, माँड को निथारकर उसमें भूना जीरा एवं सैन्धव मिलाकर सेवन करें।

12. मोटा अनाज

औषधीय गुण : बलवर्धक, पाचनशक्ति वर्धक एवं पोषक

सेवन की विधि : ज्वार, साँवा, जौ, मक्का एवं चना के आटा का सेवन करें।

13. बथुआ, चौलाई , पालक एवं लोबिया

औषधीय गुण : बल्य एवं रसायन

सेवन की विधि: बथुआ , चौलाई , पालक एवं लोबिया में से किसी एक को सब्जी के रूप में प्रयोग करें। इसमें हींग का अवश्य प्रयोग करें।

14. यूकेलिप्टस पत्र

औषधीय गुण : श्वास-कास नाशक

सेवन की विधि : पत्तियों को पानी में डालकर उबालें व इसकी भाप को दिन में दो बार लें।

15.  ज्वारांकुश (हरी चाय)

औषधीय गुण : बल्य एवं ज्वर नाशक

सेवन की विधि : ज्वारांकुश की 2-3 पत्तियों को चार कप पानी में उबालें, एक कप शेष रहने पर दो बार सेवन करें।

घरेलू चिकित्सा ज्ञान

16. मठ्ठा पाचक शक्ति वर्धक

सेवन की विधि : भोजन के साथ इसका प्रयोग काला नमक एवं भुने जीरे के साथ करें।

17.  महुआ का फूल

 बलवर्धक एवं पोषक

सेवन की विधि : 20-30 महुआ का फूलों को पानी या दूध में उबाल कर सेवन करें।.

18. सत्तू

औषधीय गुण : पोषण

सेवन की विधि : चना एवं जौ से बने सत्तू को नमक या गुड़ के साथ सेवन करें ।

19. पेठा

 शीतल एवं मेध्य

सेवन की विधि :पेठा को उबालकर घी में भूनकर सेवन करें।

20. मेथी एवं खुरासानी अजवायन

औषधीय गुण : रोग-प्रतिरोधक क्षमता वर्धक एवं शूलहर

सेवन की विधि : मेथी एवं खुरासानी अजवायन के बीज लेकर उसे पीसकर गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।

2. औषधि द्रव्य : हल्दी

औषधीय गुण : एण्टी एलर्जिक

सेवन की विधि : हल्दी के चूर्ण को घी में भूनकर आधा चम्मच दिन में दो बार गुनगुने पानी से सेवन करें।

21. कच्चा आम

औषधीय गुण : पाचक एवं शरीर के पानी की कमी को दूर करने वाला

सेवन की विधि : कच्चे आम को पानी में उबालकर, पानी में मसल लें, उसमें पुदीना, काला नमक एवं भूना जीरा मिलाकर पीयें।

किसी व्याधि विशेष के उत्पन्न होने पर उस ऋतु में शारीरिक बल के अनुरूप चिकित्सा योगों का उपयोग किया जा सकता है –

1. सूखी खांसी

उपाय: 1 सितोपलादि चूर्ण 03 ग्राम दिन में दो बार गुनगुने जल या शहद में।

2. वासा (अडूसा) की 8-10 पत्ती तथा छोटी कटेरी की जड़ को चार कप पानी में उबाले, एक कप शेष रहने पर दो बार पियें।

2. गले में दर्द

उपाय:

 दो लौंग, मूलेठी एवं अदरक को पीसकर गुड़ में मिलाकर पका लें, और उसे गोली बनाकर दिन में दो बार चूसें।

3. अतिसार (दस्त)

उपाय:

बेल के गूदे को पानी में डालकर मसलकर छान लें, उसको पी ले अथवा एक चम्मच अजवाइन को पीसकर गुनगुने पानी से दिन में 2-3 बार लें।

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