Rog Pratirodhak Chamta Badhane Ke Upay | how to boost immunity
Table of Contents
1. नीम की पत्ती
औषधीय गुण: रक्तशोधक जीवाणुनाशक
सेवन की विधि: 5-10 पत्तों को चबाकर प्रातः काल सेवन करें।
2. हरड़ चूर्ण
औषधीय गुण:त्रिदोष शामक, पाचन शक्तिवर्धक
सेवन की विधि: भुनी हरड़, जीरा एवं काला नमक पीसकर चूर्ण बना लें, आधा चम्मच चूर्ण दो बार गुनगुने जल से सेवन करें।
3. आँवला
औषधीय गुण:रोग-प्रतिरोधक क्षमतावर्धक
सेवन की विधि: उपलब्ध होने पर कच्चे आँवले की चटनी बनाकर सेवन करें अन्यथा आँवले का चूर्ण एक चम्मच दिन में दो बार सेवन करें।
4. हर्बल चाय
औषधीय गुण: व्याधिक्षमत्व वर्द्धक, श्वसन तंत्र के रोगों में लाभकारी
सेवन की विधि: 10-12 ताजे तुलसी पत्र, 2 छोटे टुकड़े दालचीनी,5-7 काली मिर्च, छोटा टुकड़ा या आधा चम्मच (छोटी चम्मच) सोंठ एवं 4-5 मुनक्का को एक लीटर पानी में आधा रहने तक उबालें, इस हर्बल चाय का प्रयोग दिन में दो बार करें।
5. तुलसी पत्र काढा
औषधीय गुण:
सर्दी, खाँसी इत्यादि में लाभकारी
सेवन की विधि: लगभग 10-15 तुलसी पत्र,छोटा टुकड़ा अदरख, 4-5 काली मिर्च व 4-5 मुनक्का चार कप पानी में उबालें, एक कप शेष रहने पर छानकर दिन में दो बार पियें।
6 अजवाइन काढा
औषधीय गुण:पाचक, सर्दी-जुकाम में लाभदायक
सेवन की विधि: दो चम्मच अजवाइन को चार कप पानी में उबाले, एक कप शेष रहने पर गुनगुना ही दिन में दो बार प्रयोग करें।
7. गिलोय काढा
औषधीय गुण: रोग-प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि कर, रसायन
सेवन की विधि: 1-1 इंच के चार टुकड़े चार कप पानी में रात को भिगो दें, प्रातः काल उबाल लें, एक चैथाई शेष रहने पर सुबह-शाम सेवन करें।
8. सहिजन
औषधीय गुण:बलवर्धक एवं वातनाशक
सेवन की विधि: ताजी फलियों को उबालकर सब्जी बनाकर प्रयोग करें।
9. बेल
औषधीय गुण:पाचक
सेवन की विधि: पके हुये बेल के गुदे को निकालकर पानी में घोलकर शरबत के रूप में पीयें।
10. पुदीना शिंकजी
औषधीय गुण: भूखवर्धक एवं शरीर के पानी की कमी को दूर करने वाला
सेवन की विधि: एक गिलास पानी में आधा नीबू निचोड़कर एवं उसमें थोड़ा गुड एवं काला नमक व 5-10 पुदीने की पत्तिया मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
11. चावल माँड
औषधीय गुण : बलवर्धक
सेवन की विधि : चावल को पानी में भिगोकर आठ गुना पानी में उबालें, माँड को निथारकर उसमें भूना जीरा एवं सैन्धव मिलाकर सेवन करें।
12. मोटा अनाज
औषधीय गुण : बलवर्धक, पाचनशक्ति वर्धक एवं पोषक
सेवन की विधि : ज्वार, साँवा, जौ, मक्का एवं चना के आटा का सेवन करें।
13. बथुआ, चौलाई , पालक एवं लोबिया
औषधीय गुण : बल्य एवं रसायन
सेवन की विधि: बथुआ , चौलाई , पालक एवं लोबिया में से किसी एक को सब्जी के रूप में प्रयोग करें। इसमें हींग का अवश्य प्रयोग करें।
14. यूकेलिप्टस पत्र
औषधीय गुण : श्वास-कास नाशक
सेवन की विधि : पत्तियों को पानी में डालकर उबालें व इसकी भाप को दिन में दो बार लें।
15. ज्वारांकुश (हरी चाय)
औषधीय गुण : बल्य एवं ज्वर नाशक
सेवन की विधि : ज्वारांकुश की 2-3 पत्तियों को चार कप पानी में उबालें, एक कप शेष रहने पर दो बार सेवन करें।
घरेलू चिकित्सा ज्ञान
16. मठ्ठा पाचक शक्ति वर्धक
सेवन की विधि : भोजन के साथ इसका प्रयोग काला नमक एवं भुने जीरे के साथ करें।
17. महुआ का फूल
बलवर्धक एवं पोषक
सेवन की विधि : 20-30 महुआ का फूलों को पानी या दूध में उबाल कर सेवन करें।.
18. सत्तू
औषधीय गुण : पोषण
सेवन की विधि : चना एवं जौ से बने सत्तू को नमक या गुड़ के साथ सेवन करें ।
19. पेठा
शीतल एवं मेध्य
सेवन की विधि :पेठा को उबालकर घी में भूनकर सेवन करें।
20. मेथी एवं खुरासानी अजवायन
औषधीय गुण : रोग-प्रतिरोधक क्षमता वर्धक एवं शूलहर
सेवन की विधि : मेथी एवं खुरासानी अजवायन के बीज लेकर उसे पीसकर गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
2. औषधि द्रव्य : हल्दी
औषधीय गुण : एण्टी एलर्जिक
सेवन की विधि : हल्दी के चूर्ण को घी में भूनकर आधा चम्मच दिन में दो बार गुनगुने पानी से सेवन करें।
21. कच्चा आम
औषधीय गुण : पाचक एवं शरीर के पानी की कमी को दूर करने वाला
सेवन की विधि : कच्चे आम को पानी में उबालकर, पानी में मसल लें, उसमें पुदीना, काला नमक एवं भूना जीरा मिलाकर पीयें।
किसी व्याधि विशेष के उत्पन्न होने पर उस ऋतु में शारीरिक बल के अनुरूप चिकित्सा योगों का उपयोग किया जा सकता है –
1. सूखी खांसी
उपाय: 1 सितोपलादि चूर्ण 03 ग्राम दिन में दो बार गुनगुने जल या शहद में।
2. वासा (अडूसा) की 8-10 पत्ती तथा छोटी कटेरी की जड़ को चार कप पानी में उबाले, एक कप शेष रहने पर दो बार पियें।
2. गले में दर्द
उपाय:
दो लौंग, मूलेठी एवं अदरक को पीसकर गुड़ में मिलाकर पका लें, और उसे गोली बनाकर दिन में दो बार चूसें।
3. अतिसार (दस्त)
उपाय:
बेल के गूदे को पानी में डालकर मसलकर छान लें, उसको पी ले अथवा एक चम्मच अजवाइन को पीसकर गुनगुने पानी से दिन में 2-3 बार लें।