Acidity Treatment In Hindi |acidity home remedies in hindi
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खुद को अच्छे से वक़्त देना भूल चुके हैं. इस बदलते लाइफस्टाइल का सबसे अधिक प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ता है. लोग अपने काम-काज में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि सही डाइट नहीं ले पाते और फिर बीमार पड़ जाते हैं. इन्ही गंभीर बिमारियों से एक बीमारी है एसिडिटी. वैसे देखा जाए तो एसिडिटी कोई बीमारी नहीं है. असल में यह हमारी बदलती हुई जीवनशैली के कारण हमे आ घेरती है.
एसिडिटी के दौरान खट्टी डकार आना, पेट फूलना, सीने में जलन होना आदि लक्ष्ण दिखाई देते हैं. एसिडिटी के अनेकों कारण हो सकते हैं. ख़ास कर जो लोग तले भुने खाने खाते हैं, उन लोगों में एसिडिटी होना आम बात है. आज हम आपको एसिडिटी के कुछ ऐसे उपचार बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपना कर आप चुटकियों में एसिडिटी से छुटकारा पा सकते हैं.
एसिडिटी बनने की प्रक्रिया
अप में से अधिकतर लोग एसिडिटी के पीछे का कारण खान-पान की आदतों को मानते होंगे. लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. एसिडिटी का कारण खाली पेट भी हो सकता है. दरअसल, आज के समय में लोग डाइटिंग पर ख़ास ध्यान देते हैं. ऐसे में कईं बार भूख लगने पर भी लोग समय पर खाना नहीं खाते जिसके कारण उनके शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. यही एसिड धीरे धीरे एसिडिटी एवं जलन का रूप ले लेता है. इसके इलावा धुम्रपान, अधिक मात्र में चाय-काफी का सेवन, शराब आदि एसिडिटी के प्रमुख कारण हैं.
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते देवी देवताओं का प्रतीक हैं. आयुर्वेद ग्रंथ में तुलसी को सबसे उत्तम आयुर्वेदिक औषधि बताया गया है. इसकी पत्तियों में सुखदायक, वायुनाशक और वात हरने वाले गुण होते हैं, जो कि सीने में होने वाली जलन, पेट की गैस आदि जैसी समस्याओं से तुरंत राहत देते हैं.
इस्तेमाल की विधि
यदि आपको पेट में गड़बड़ी महसूस होने लगे या फिर आपके सीने में जलन हो तो तुलसी की कुछ पत्तियों को तुरंत चबाकर खा लें. या फिरआप एक कप पानी में चार-पांच तुलसी की पत्तियों को डालकर उबालें और कुछ मिनट के लिए ठंडा होने दें. ठंडा होने के बाद इसमें शहद घोल कर पी लें आपको एसिडिटी से राहत मिलेगी.
लौंग का सेवन
लौंग हर भारतीय रसोई घर में पाया जाने वाला एक उत्तम मसाला है. विशेषज्ञों के अनुसार लौंग एक पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा है. यह खाने को स्वादिष्ट बनाने में काम आटा है. इसमें आपके स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के कई गुण शामिल होते हैं. लौंग में वातहर नामक गुण होता है,जिससे पेट की गैस, सीने में जलन अर्थात एसिडिटी को झट से खत्म करने की क्षमता होती है.
इस्तेमाल की विधि
लौंग को आप नियमित रूप से अपने व्यंजनों में शामिल करें. इसके अलावा एसिडिटी से तुरंत राहत के लिए दो-तीन लौंग लें और खूब चबा-चबाकर खाएं. अगर आपको लौंग कड़वा लगे तो आप इसे इलायची के साथ चबा कर भी खा सकते हैं. एसिडिटी खत्म करने के साथ-साथ यह मुंह की दुर्गंध से भी छुटकारा दिलाती है.
दालचीनी का सेवन
दालचीनी एक ऐसा मसाला है, जो नेचुरल प्राकृतिक अम्लत्वनाशक के रूप मेंइस्तेमाल किया जाता है. एसिडिटी को खत्म करने व पाचन-तंत्र को दुरुस्त रखने में दालचीनी को सबसे उत्तम आयुर्वेदिक औषधि माना गया है.
इस्तेमाल की विधि
दालचीनी का इस्तेमाल करने के लिए आप एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी मिला लें. अब इस पानी को कुछ मिनट तक उबाल लें और फिर इस दालचीनी की चाय का सेवन दिन में दो से तीन बार करें. इससे आपको एसिडिटी से छुटकारा मिलेगा.
जीरे का सेवन
वैसे तो दाल-सब्जी में स्वाद बढाने के लिए मसले के रूप में जीरे का इस्तेमालकिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटा-सा दिखने वाला यह जीरा असल में बहुत काम का होता है. पेट में जाकर यह एसिड न्यूट्रालाइजर की तरह काम करता है. एसिडिटी से तुरंत राहत पाने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.